काेराेना वायरस के अाने वाले खतरे काे देखते हुए जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग अभी से तैयार हाे गया है। सरकार से मिले निर्देश के बाद अजमेर संभाग का सबसे बड़ा काेराेना उपचार सेंटर अजमेर में बनाया जाएगा। इसके लिए अजमेर शहर के चार बड़े हॉस्पिटलों का चयन किया गया है।
इस हॉस्पिटल काे जेएलएन सुपर काेराेना हॉस्पिटल नाम दिया गया है। काेराेना काे लेकर बुधवार देर शाम तक चली प्रशासन की मीटिंग में इस पर अंतिम मुहर लगी। चिकित्सकों काे इसकी तैयारी शुरू करने के लिए कहा गया है। दाे दिन पहले तक सरकार ने केवल जेएलएन हॉस्पिटल काे ही तैयार रखने के लिए कहा था। निर्देश के बाद जेएलएन में 540 बेड का वार्ड भी तैयार कर दिया लेकिन नए आदेशों में यह संख्या बढ़कर अब 800 तक पहुंच गई है। एक तरह से सरकार व जिला प्रशासन अाने वाले खतरे काे देखते हुए तैयारियां शुरू कर रही है।
इन अस्पतालों काे किया शामिल
सरकार ने काेराेना काे लेकर बुधवार काे एक बार फिर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की। इस दौरान सभी से वहां की स्थिति काे लेकर फीडबैक लिया गया। सरकार ने अजमेर की स्थिति पूछी ताे यहां पर काेराेना काे लेकर अस्पताल तैयार किए जाने के लिए जिला प्रशासन व जेएलएन प्रशासन ने मेडिकल काॅलेज, जेएलएन हाॅस्पिटल, सैटेलाइट व टीबी हॉस्पिटल का नाम सुझाया है। ये नाम इसीलिए भी बताए गए कि यहां पर पहले से सभी सुविधाएं हैं। इसी कारण यहां पर सरकार, प्रशासन या डाॅक्टराें काे ज्यादा जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी।
50 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड
{ जेएलएन का आइसोलेशन वार्ड 50 बेड वाला है।
{ दूसरी मंजिल पर 20 बेड हैं इसमें 7 आईसीयू व 13 जनरल हैं।
{ पहली मंजिल पर 20 बेड हैं, 10 की अतिरिक्त जगह है। {11 वेंटिलेटर है जिन्हें गत दिनों जांच के बाद आेके किया है।
{ 24 पॉइंट पर ऑक्सीजन की सप्लाई की व्यवस्था की है।{ ब्लड की जांच करने के लिए उच्च स्तरीय एबीजी मशीन लगी हुई है।
{ मरीज के पलंग पर ही सोनोग्राफी व एक्स-रे किया जा सकेगा। {विशेषज्ञों की टीम यहां लगाई गई है जाे सीधे ऑनलाइन रिपोर्ट कर रही है।
किस अस्पताल में- कितने बेड
{ अकेले जेएलएन हॉस्पिटल में पहले से मिले निर्देशों के बाद 540 शैय्याओं काे तैयार करवा लिया गया है। इसमें सर्जिकल, ईएनटी, अाॅर्थाेपेडिक, व कार्डियोलॉजी काे खाली करके तैयार किया गया है।
{ अभी तक 40 आईसीयू बेड काे जेएलएन अस्पताल में तैयार रखा गया है। आवश्यकता हाेगी ताे सैटेलाइट में व्यवस्था की जाएगी।
{ सैटेलाइट में शैय्याओं की स्थिति अभी 150 है।
{ टीबी हॉस्पिटल में सभी वार्ड काे मिलाकर 100 पलंग लगाए हुए हैं।
{ जेएलएन प्रशासन के पास अभी भी यूरोलॉजी यूनिट का विकल्प बाकी है जाे सबसे बड़ी यूनिट है।
{काेराेना संक्रमण खतरे के मद्देनजर एडवांस तैयारीे के निर्देश
{अस्पताल में केवल अति-गंभीर मरीजों काे रखने के अादेश
{अाठ साै से अधिक बेड सुविधा वाला वार्ड हाेगा तैयार
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