धीरे-धीरे अपने कुदरती माहौल में ढल रहा है आरिफ का 'दोस्‍त' सारस - Rajasthan News

Letest News Rajasthan India

Breaking News

Home Top Ad

Post Top Ad

शुक्रवार, 19 मई 2023

धीरे-धीरे अपने कुदरती माहौल में ढल रहा है आरिफ का 'दोस्‍त' सारस

कानपुर: अमेठी में आरिफ नामक किसान का 'दोस्‍त' बनकर एक साल तक उसके साथ रहने के बाद कानपुर चिड़ियाघर लाया गया बहुचर्चित सारस अब धीरे-धीरे अपने कुदरती माहौल में ढल रहा है. पका हुआ खाना खाने के बजाय वह अपनी प्रजाति के पक्षियों की कुदरती खुराक लेने लगा है. कानपुर चिड़ियाघर के निदेशक कृष्‍ण कुमार सिंह ने बृहस्‍पतिवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि अमेठी से लाया गया सारस अब अपने स्‍वाभाविक परिवेश में धीरे-धीरे ढल रहा है.

उन्होंने कहा कि अब उसने पका हुआ भोजन, जैसे कि मैगी, दाल चावल और खिचड़ी छोड़कर अपनी प्रजाति के परिंदों द्वारा स्‍वाभाविक रूप से ग्रहण किये जाने वाले कच्‍चे भोजन जैसे कि कीड़े-मकोड़े, जलकुंभी तथा अन्‍य छोटे जलीय जीवों को खाना शुरू कर दिया है. उन्‍होंने कहा कि चिड़ियाघर के कर्मी और वह खुद भी सीसीटीवी कैमरों की मदद से सारस की लगातार निगरानी कर रहे हैं.

यह सारस अमेठी जिले के मंडखा गांव में रहने वाले किसान आरिफ खान गुर्जर के पास रहता था. आरिफ को यह सारस करीब एक साल पहले एक खेत में घायल हालत में मिला था. आरिफ ने उसका इलाज किया था. उसके बाद से वह आरिफ के पास ही रहने लगा था. मामला चर्चा में आने के बाद वन विभाग की एक टीम ने इस साल 21 मार्च को सारस को आरिफ के यहां से लाकर रायबरेली के पक्षी विहार में भेज दिया था. बाद में उसे कानपुर चिड़ियाघर ले जाया गया था.

सिंह ने कहा कि सारस के पुनर्वास पर काम किया जा रहा है क्‍योंकि वह अब भी इंसानों के बीच रहना पसंद करता है और उनके हाथ से भोजन खाना चाहता है. यही वजह है कि वह अभी इस लायक नहीं हुआ है कि उसे जंगल में छोड़ा जाए, क्‍योंकि ऐसा होने से उसके घायल होने या मारे जाने का खतरा है.

चिड़ियाघर के एक अन्‍य अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों ने इस बात पर भी विचार किया कि सारस को वापस आरिफ के पास भेज दिया जाए क्‍योंकि दोनों के बीच खासी गहरी दोस्‍ती है, मगर यह सोचकर इस पर गौर करना बंद कर दिया गया कि ऐसा करने से अन्‍य लोग भी वन्‍य जीवों को अपने पास रखने की मांग उठा सकते हैं. 

ये भी पढ़ें:-

दूसरी बार CM बन रहे सिद्धारमैया ने JDS छोड़ थामा था कांग्रेस का 'हाथ', ऐसा रहा है राजनीतिक करियर

इन 3 वजहों से सिद्धारमैया की हुई जीत, लेकिन DKS भी इसलिए नहीं हारे

"आलाकमान का फैसला वैसे कबूला, जैसे..." : DKS ने बताया, डिप्टी CM पद पर क्यों हुए राजी



from NDTV India - India https://ift.tt/UjmJ5l3

कोई टिप्पणी नहीं:

Post Bottom Ad