नवरात्र में शहरवासी लॉक डाउन का पालन करते हुए मां भगवती की आराधना कर रहे हैं। वे कठिन साधना सहित नियमाें का पालन कर रहे है, ताकि किसी भी तरह कोरोना महामारी संकट का साया हमारे देश से हट जाए।
जानकारी के अनुसार सुबह शाम घरों में लोग मां अंबे की आराधना कर रहे हैं। घंटियों के साथ आरती एवं स्तुतियां भी गूंज रही है। कोटड़ा बालाजी मंदिर में कोरोना से उबरने के लिए हनुमान बाहुक यज्ञ किया जा रहा है। महंत विष्णुदास जोशी ने बताया कि बालाजी सभी संकट हरें। यही कामना इस नवरात्र में है। वैशाली नगर इनकम टैक्स कॉलोनी निवासी दिलीप सिंह एवं शक्ति सिंह खंगारोत ने बताया कि घर में बच्चों को छोड़ सभी बड़े सदस्य मां भगवती की आराधना कर यही प्रार्थना कर रहे है कि कोरोना का संकट देश से टल जाए। मां देश को इस संकट से उबरने की शक्ति दे। लोग 9 दिनों का व्रत ही नहीं। कुछ साधकों ने तो मां अंबे को प्रसन्न करने के लिए 9 दिनों तक मौन रहने और चप्पल-जूते तक त्याग दिए है। वैशाली नगर में रहने वाले आयुष अचार्य-यश आचार्य ने बताया कि अमूमन नवरात्रि पूजन में परिवार के सभी सदस्य एक साथ एकत्रित नहीं हो पाते। मगर अब सभी एक साथ पूजन एवं आरती में रहते है।
पंडित भी घरों में ही, अब यजमानों के नहीं कर रहे अनुष्ठान : शहर के करीब 700 से ज्यादा पंडित भी इन दिनों घरों में ही है और नवरात्रि की पूजा-अर्चना घरों में ही कर रहे है। नवरात्रि में पंडितों को पूजा-अर्चना, पाठ, स्तुति और अनुष्ठानों से फुर्सत नहीं होती है। शहर में कुछ यजमानों ने अपने पंडितों को फोन पर संकल्प करवाकर खुद के लिए अनुष्ठान करने के लिए बोला है। जबकि कई पंडित कोरोना में यजमानों के घर नहीं पहुंच पा रहे है और घर पर ही मां की आराधना कर रहे है।
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